STORYMIRROR

Kumar Vikash

Others

5.0  

Kumar Vikash

Others

टेलीविजन

टेलीविजन

1 min
492


कल ही की बात है मैंने टेलीविजन पर

एक विज्ञापन देखा , जिसमें कुछ स्कूली

बच्चों को दिखाया गया , वह किसान

जैम का विज्ञापन था ! जिसे बहुत ही

सुन्दर तरीके से फिल्माया गया था !

और बताया गया था की , अगर आपके

बच्चे लंच नहीं खाते हैं , तो उन्हे किसान

जैम खाने की चीजों के साथ लगाकर

दिया जाये , तो बच्चे पूरा लंच खा लेंगे !

विज्ञापन देखकर मेरी श्रीमती जी की

खुशी का ठिकाना न रहा , उन्हे रास्ता

मिल गया अपने बच्चों को भरपेट

भोजन कराने का ! श्रीमती जी ने तुरंत

एक भूमिका बाँधते हुये मुझे आदेश

किया , सुनो जी तुम्हारा क्या तुम तो

रोज सुबह से आफिस चले जाते हो ,

और तुम्हारे इन बच्चों को खाना खिलाने

के लिये मुझे कितना परेशान होना

पड़ता है ! तो कल आफिस से आते

वक्त्त किसान जैम का एक बड़ा डिब्बा

लेते आना ! मैंने हाँ में गर्दन हिलाई और

सो गया , पर मुझे नींद न आई मेरे

दिमाग में एक विचार चलने लगा !

मैं सोच रहा था कि एक गरीब के बच्चे

कैसे भरपेट खाना खाते हैं !

या शायद उन्हे इन चीजों का पता ही

नहीं होता !

क्योंकि उनके यहाँ टेलीविजन ही नहीं

होता , मैं अब तक समझ नहीं पा रहा

था , कि ऐ टेलीविजन हमें और हमारे

बच्चों को बिगाड़ रहा है , या शिक्षित कर

रहा है !!


Rate this content
Log in