थोड़ा जादू थोड़ा भ्रम
थोड़ा जादू थोड़ा भ्रम
क्या सच में होती है परियों की दुनिया,
क्या है सच में है कोई जादुई दुनिया।
एक परी की कहानी नानी सुनाती थी,
एक जादू की छड़ी थी उसके पास ऐसा नानी बताती थी,
सारे शहर को परी ने खुशियों से भर दिया,
एक दिन घोड़े पर सवार उसे उसका राजकुमार भी मिल गया।
क्या सच में होती है परियों की दुनिया,
क्या है सच में है कोई जादुई दुनिया।
सुना है परियां बड़े महलों में रहती है,
वे बड़ी करुणामई होती है,
अपने जादू से वो आसमान से रंगों की बारिश कर सकती है,
अपनी जादुई छड़ी से वो पंख लगा कर उड़ भी सकती है।
क्या सच में होती है परियों की दुनिया,
क्या है सच में है कोई जादुई दुनिया।
एक बार मुझे भी परियों की दुनिया देखनी है,
पंख लगा कर मुझे भी आसमान की सैर करनी है,
शायद धरती के बाहर हो परियों की दुनिया,
कोई तो बताए आखिर कहा हैं जादुई दुनिया।
क्या सच में होती है परियों की दुनिया,
क्या है सच में है कोई जादुई दुनिया।
किताबों में मैने कई परियों की कहानी पढ़ी है,
उनकी वीरता और उनके जादू के करिश्मों की दास्तां मैने भी पढ़ी है,
ना जाने ये जादू है या भ्रम,
क्या सच में होती है परियां इस कश्मकश में व्याकुल है मेरा मन।