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Zeba Rasheed

Others

1.6  

Zeba Rasheed

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तेरी याद

तेरी याद

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तेरी यादों के फूल

दिन की हलचल में

व्यस्तता की धूप में

कुम्भला जाते हैं

लेकिन

रात्रि के

नीरव क्षणों में

बादलों की तरह

मेरे ख्यालों में

छा जाते हैं

दुष्मन सी यादें

बैचैन कर जाती है

उनसे डरती हूँ

दूर भागती हूँ

लेकिन

सच्चाई यह है कि

यादें ही मुझे

दोस्त की तरह

सुलाती है

तुम्हें सपनों में

बुलाती है

तुमसे मिलाती है।

 


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