ताजमहल
ताजमहल
मेरी दृष्टि के सामने था ताजमहल,
वाह! मज़ा आ गया देखकर ताजमहल।
कितना हसीन ताजमहल शाहजहां ने बनवाया था,
अपनी मुमताज को जब अपने दिल में बसाया था।
उनके प्यार की दास्तां आज संसार दोहराता है,
आगरा में कदम रखते ही ताजमहल याद आता है।
ताजमहल मे बंद हैं हजारों बातें बन गई सुनहरी यादें,
उन हसीन यादों को आज भी इतिहास दोहराता है।
दूर से आते हैं पर्यटक खूबसूरत ताजमहल देखने,
कदम रखते ही ताजमहल मे प्रेम ही प्रेम दिख जाता है।
ताजमहल में जीवित हैं वो लम्हें जो साथ गुज़ारे थे
दो प्रेमियों ने,
सफेद संगमरमर के बीच इश्क का गीत गूँज जाता है।
दीवारों को छूते ही अजीब सा सुकून मिलता है,
ताजमहल में आते ही दिल बाग- बाग हो जाता है।
चांदनी रात में बहुत खूबसूरत लगता है ताजमहल,
इसकी सुंदरता को देख चाँद भी मुसकुराता है।
यह सच है कि प्रेम से बड़ा नहीं जगत मे कुछ भी,
प्रेम हर रिश्ते को आग जैसा पवित्र बना जाता है।