सुंदर सृष्टि
सुंदर सृष्टि
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जिससे सूरज, चाँद, सितारे
जिससे धरती के हैं नज़ारे
नदी, हवाएं, बारिश, बादल
पत्ता, बूटा, आग, मरुस्थल
महाशक्ति इक सबके ऊपर
सृष्टि है जिसकी इतनी सुंदर
कोई माने या न माने
कोई जाने या न जाने
जन्म-मृत्यु है जिसके हाथों
मिलना-बिछड़ना जिसके हाथों
जिसकी रज़ा से दुनिया चलती
और फ़िज़ा भी रंग बदलती
धूप-छाँव और दिन-रात है
दाना-तिनका फूल-घास है
कोई माने या न माने
कोई जाने या न जाने