चलो, फिर से अजनबी हो जाएँ...। चलो, फिर से अजनबी हो जाएँ...।
है तेरी मेहरबानी, तेरे आने से... है तेरी मेहरबानी, तेरे आने से...
है जिंदगी बन जाता है। ना जाने कब एक अजनबी यार हो जाता है। है जिंदगी बन जाता है। ना जाने कब एक अजनबी यार हो जाता है।
अब यक़ीनन; तुम अजनबी नहीं रहे...! अब यक़ीनन; तुम अजनबी नहीं रहे...!
अजीब-सी बेचैनी, अजीब-सा डर है, सब है पराये, कहाँ मेरा घर है ? अजीब-सी बेचैनी, अजीब-सा डर है, सब है पराये, कहाँ मेरा घर है ?
अपने ही घर में, हैं हम अजनबी, आईना भी पूछे के, तू कौन है ? अपने ही घर में, हैं हम अजनबी, आईना भी पूछे के, तू कौन है ?