समझ कर बेवफा मुझको
समझ कर बेवफा मुझको
समझ कर बेवफा मुझको
न यूँ बदनाम तुम करना
बहुत मजबूर थी मैं
गमों से चूर थी मैं
तुम्हें कैसे बताऊँ मैं
क्या मेरे साथ गुजरी है
अरे बैरी जमाने की हर
निगाह मुझ पर ठहरी है
बुनी जो प्रीत की माला वह टूटी
बिखरी आज है बिखरी
आज है बिखरी आज है
समझ कर बेवफा मुझको
न यूँ बदनाम तुम करना
बहुत मजबूर थी मैं
गमों से चूर थी मैं
जमाने भर की रुसवाई
मैं हँस कर सह भी जाऊँगी
जो रुसवा तुम करोगे तो
सच कहूँ मैं मर जाऊँगी
कहीं ऐसा न हो, हो जायें संग दफन
दिल के राज़ हैं,
दिल के राज़ हैं दिल के राज़ है
समझ कर बेवफा मुझको
न यूँ बदनाम तुम करना
बहुत मजबूर थी मैं
गमों से चूर थी मैं
तुम्ही थे गीत जीवन का
तुम्ही संगीत थे मेरा
तुम्हीं से लय थी जीवन में
तुम्ही तो साज थे मेरा
अरे कैसे बजेगा फिर कि ये जो
टूटा साज है टूटा साज है टूटा साज है
समझ कर बेवफा मुझको
न यूँ बदनाम तुम करना
बहुत मजबूर थी मैं
गमों से चूर थी मैं।