श्री राम स्तुति
श्री राम स्तुति
कौशल्या अरु दशरथ नन्दन,
जलज नयन छवि ललित ललाम।
रावण वंश विनाशी प्रभु वर,
रामचंद्र को कोटि प्रणाम ।।
आदि कवी ने प्रेम सहित
जिनकी महिमा है गाई।
कोकिल कण्ठी को प्रणाम
जिन जग मे कथा चलाई।।
पावन राम चरित गा सुन के ,
घर घर शान्ति समाई ।
जय करुणाकर दीनवन्धु
भक्तन के सदा सहाई।।
मर्यादा के पालक अरु
समता के पोषक स्वामी ।
दुष्ट विनाशक सज्जन पालक ,
जय कृपालु अन्तर्यामी ।।
करूं तुम्हारा भजन ध्यान
मै तुमको नित्य पुकारू।
मुझको शरण नाथ अब दे दो,
अशरण तुम्हे निहारू।।
तुम बिन कोई नही सहारा
तुम ही एक हमारे ।
छोडो नहि द्वार प्रभु तेरो,
बिगडी बनावन हारे।।
