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Nand Kumar

Others

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Nand Kumar

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शिव स्तुति

शिव स्तुति

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जय गंगाधर शिव सम्भू हे,

भक्तों का उद्धार करो।

हे मृत्युंजय हे कामारी, 

निर्भय करो विकार हरो।।


जीवन में शिव व्यापे सबके, 

रोग दोष दुख नाश करो।

हे पिनाकधर सकल मानहर,

अभिमानी का मान हरो।।


अपमान सती का सहा न जैसे, 

अबलाओं का ध्यान धरो ।

वो प्रतिकार कर सके ऐसी ही, 

कुछ उनमें भी शक्ति भरो ।।


अपना हित ही दिखे सभी को, 

स्वार्थ भाव का नाश करो ।

हे श्रृंगी हे त्रिशूलधर हे नाथ,

दया निधि त्रास हरो ।।


कर जोड़ करूं तव विनय प्रभु, 

सबके मन से तम भेद हरो ।

चरणों में शीश झुके हरदम, 

पथ के सब संकट शूल हरो ।।




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