शिक्षक
शिक्षक
चारों ओर अंधेरा है
पर दूर कही प्रकाश दिखाई देता है
वह कौन है
वह शिक्षक है
अकेले सुनसान जंगल में खोए है हम
पर आगे एक मार्गदर्शक दिखाई देता है
वह कौन है
वह गुरु है
चंचल मन संसार रूपी समुद्र में इधर उधर डोलता है
पर कोई इस कश्ती को डूबने से बचाए है
वह कौन है
वह टीचर है
भविष्य हमारा अंधकार में है
पर कोई उसे उज्ज्वल करने में लगा है
वह कौन है
वह अध्यापक है
संसार हमें नीचे धकेलना चाहता है
पर कोई हम में उड़ान भरना चाहता है
वह कौन है
वह आचार्य है
सब लोग हमारा बुरा चाहते है
पर अब भी किसी का हाथ हमारे सिर पर है
वह कौन है
वह उपाध्याय है
वह शिक्षक है
गुरु है
टीचर है
अध्यापक है
आचार्य है
उपाध्याय है......
दुनियां में सबसे बड़ा भगवान है
पर कोई तो है
जो उससे बड़ा दर्जा रखता है
वही शिक्षक है
जो सब से बड़ा भगवान है।
