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Baburam Shing kavi

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Baburam Shing kavi

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शब्दों के मोती

शब्दों के मोती

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माता है अनमोल रतन


स्वांस-स्वांस में माँ है समाई, सदगुरुओं की माँ गुरूताई।

श्रद्धा भाव से करो जतन, माता है अनमोल रतन।।


अमृत है माता की वाणी, माँ आशीष है सोना -चांदी।

माँ से बड़ा ना कोई धन, माता है अनमोल रतन।।


माँ का मान बढ़ाओ जग में, सेवा से सब पाओ जग में।

मणि माणिक माता कंचन, माता है अनमोल रतन।।


सुख शान्ति माता से आता, हैं ये सबकी भाग्य विधाता।

हुलसित हो माता से मन ,माता है अनमोल रतन।।


प्यार दुलार है परम अनूठा, माँ सेवा बिन सब है झूठा।

महि कानन माता है गगन, माता है अनमोल रतन।।


माँ में वास करें सब देवा, करो प्रेम से माँ की सेवा।

शान्ति सरस पाओ हर छन, माता है अनमोल रतन।।


सोच अभी हो जा सावधान, माता चरण झुके भगवान।

मोक्ष मुक्ति माता के शरण, माता है अनमोल रतन।।


साधु संत  ज्ञानी  दानी, माँ  से है सबकी कहानी।

माँ से हो तप त्याग भरन, माता हैं अनमोल रतन।।


माँ की हरदम लखो छवि, करवध्द बाबूराम कवि।

सेवा का दृढ़ ले के परन, माता हैं अनमोल रतन।।


जय जय हनुमान 

     

जय भक्त शिरोमणि शरणागत जय हो कृपानिधान।

जयबजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय जय हनुमान।।


जय आनंद कंदन केशरी नंदन जग वंदन शुभकारी।

जय मद खलगंजन असुरनिकंदन भवभंजन भयहारी।

जय जयजनपालक द्रुतगतिचालक सुचिमय फलहारी।

जय श्रीहरि धावन प्रभु गुणगावन पावन प्रेम पुजारी।


जय अंजनी लाला शुभ योग निराला जय महिमान।

जय बजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय-जय हनुमान।


जय संकट मोचन विभुलोचन जय मनमोहक मधुरारी।

जय कौतुककारक शोकनिवारक जय उत्तमब्रह्मचारी।

जय हनुमत बाला सूक्ष्म बिशाला सुर संतन हितकारी।

जय सुरसा उध्दारक शुचि तारक वानरजूथ बलकारी।


लंका जारक अक्षय मारक जय हे अतुलित बलवान।

जय बजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय-जय हनुमान। 


जय पथ प्रदर्शक बल बर्द्धक जय जय करुणा सागर।

जय भाग्यविधाता श्रेष्ठ ज्ञान ज्ञाता दाता में अतिनागर।

जय विकटानन मर्दि दशानन पटक दियो जस गागर।

जय भक्ति प्रपति शरणागति दाता हरि सेवा में आगर।


महिसागर कानन विजयानन देहु चरणमें भक्तिदान।

जय बजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय-जय हनुमान।



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