अगर मैं तुम जैसी बन भी गयी तो मेरे जैसा कौन बनेगा ? अगर मैं तुम जैसी बन भी गयी तो मेरे जैसा कौन बनेगा ?
अपितु कृष्णा है ! वचन कर्म विहीन हो तोये मिथ्या है मृगतृष्णा है ! अपितु कृष्णा है ! वचन कर्म विहीन हो तोये मिथ्या है मृगतृष्णा है !
एक प्राचीन प्रथा, एक स्त्री की व्यथा बहुत पहले हमारे राजस्थान की कथा। एक प्राचीन प्रथा, एक स्त्री की व्यथा बहुत पहले हमारे राजस्थान की कथा।
जल छू के लो प्रण, बुन डालो मधुर तरंगिनि। जल छू के लो प्रण, बुन डालो मधुर तरंगिनि।
हर शस्त्र मेरा तीव्र ,तीक्ष्ण जिसका प्रमाण ये संसार! हर शस्त्र मेरा तीव्र ,तीक्ष्ण जिसका प्रमाण ये संसार!
खुद मैं जज्ब किये थे जो सपने पंकज, उन सपनों को कभी खोल कर नहीं देखा। खुद मैं जज्ब किये थे जो सपने पंकज, उन सपनों को कभी खोल कर नहीं देखा।