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Isha Kathuria

Others

0.3  

Isha Kathuria

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सारा ज़माना....दिखावे का दीवाना

सारा ज़माना....दिखावे का दीवाना

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पिता का थक हारकर काम से आना

माँ का निस्वार्थ भोजन बनाना

और साथ में सारे कर्त्तव्य निभाना

और अपनी ही औलाद का समय न मिल पाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना I


दोस्तों के संग खूब मौज-मस्ती

ढेर सारी तस्वीरें खिंचवाना

पर ज्यों ही मुसीबत आन पड़ी

सभी का अचानक मुहँ मोड़ जाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना I


कहने को कितने सगे-सम्बन्धी

सभी त्योहारों को साथ मानना

लेकिन करने पर कोई गलत काम

दुनिया के साथ मिलकर चार बातें सुनाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना


पुस्तकालय में भीड़ नहीं

पर खचाखच भरा है मयखाना

जाकर डिस्को लोगो की भीड़ में भी

खुद को बेहद तन्हा पाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना


महिलाओ की तो बात ही दूजी

भ्रूण हत्या जैसा पाप करवाना

नवजात कन्याओं का बलात्कार करके

इंसानियत को मिटटी में मिलाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना


महंगे कपडे, चमकदार जूते

और दौलत शौहरत का रौब जमाना

लेकिन गरीब की मदद के लिए

आँखे बंद कर मूक हो जाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना


राजनीति की बात छोड़िये

शिक्षा को भी "बिज़नेस" बनाना

देश विकास के नाम पर साथियो

धर्म के लिए दंगे मचाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना


जीवन की इस दौड़ में अब

मनुष्य का मकसद केवल पैसा कमाना

अरे! बस कर ऐ इंसान...ठहर जा

कुछ आत्मा के लिए भी तो कर के जाना

इसीलिए तो कहा दोस्तों

सारा ज़माना दिखावे का दीवाना


सुख-दुःख का है सबका किस्सा

धूप -छाँव है सबका हिस्सा

परन्तु दिखावे में पड़कर

तुझको कुछ नहीं हासिल हो पाना

इसलिए अब कहूँगी दोस्तों

बस प्यार और खुशियां ही फैलाना

तभी तो बन पायेगा....

इस ज़िंदगी का यह सफर सुहाना...


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