रूठ गया वो मुझसे
रूठ गया वो मुझसे




खुशियो को मेरी ना जाने किसी की लगी है नज़र
क्यों मेरे प्यार से वो गया बेखबर इस तरह रूठा है
वो मुझसे की इतनी दूर हो गया है की मेरी आवाज
सुन के भी वो रहता है बेखबर छू नही सकती उसको
अब तो चाँद मै ही आता है वो नज़र कैसे कोई
किसीको को छोड़ कर इतना दूर चला जाता है
उसके बिना कोई जिन्दा इंसान साँसो के साथ भी मर जाता है