रंग रसिक की होली
रंग रसिक की होली
रंग रसिया के संग
होली खेलो राधे।
बंसी बजैया के संग होली खेले
राधे।
घर से श्याम निकले
ले के ग्वालों की टोली।
रंग अबीर-गुलाल,
ले के हाथों में घोली।
नाचते-गाते पहुंचे बरसाने,
राधे गोरी को बुलाने।
झूमें नाचे गाये श्याम,
राधा को बुलाये श्याम।
राधे बड़ी सयानी देखो,
कहीं नज़र न आये।
सखी विसाखा, ललिता आई,
राधा श्याम के संग होली खेले।
श्याम आये ग्वालों के संग,
हुड़दंग मचाते घूमे।
राधा भागी, सखियाँ भागी,
कान्हा पीछे पीछे भागे।
हाथ मरोड़ा और चूनर भिगोई,
राधा गई लजाई।
राधे श्याम की जोड़ी,
सबके मन को भाई।
भक्त सब बलिहारी जाए ,
अपना भाग्य सराहें।
होली की सभी भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएँ।
