रक्षाबंधन है खास
रक्षाबंधन है खास
रक्षाबन्धन ऐसा त्यौहार,
दर्शाता भाई बहन का प्यार,
पलके बिछा कर इस दिन का
बहने करती सब इंतजार ।
थोड़ी सी मस्ती थोड़ा सा प्यार,
भाई-बहन की मीठी तकरार,
भाई चाहे हो बड़ा या छोटा
रौब जमाता वो हर बार।
श्रावण मास में जब पूनम आती,
संग में अपने खुशहाली लाती,
सज संवर कर बहने सारी
भाई से मिलने मायके आती।
देवर भाभी का भाई बन जाता,
कलाई पर अपने राखी बंधवाता
देवर जैसा भईया पाकर
भाभी का मन फूला ना समाता।
बहन कलाई पर राखी बांधती,
भाई से प्यारे उपहार पाती,
तिलक लगाकर, मुंह मीठा करा कर
भाई को वो मिष्ठी खिलाती।
जब मायके से बहना जाती,
आंखों से वो अश्क बहाती,
विदाई की इस बेला पर
सबकी आंखें भर आती।
विदाई की इस बेला पर
सबकी आंखें भर आती।