रक्षाबंधन (२०२०)
रक्षाबंधन (२०२०)


श्रवण मास की पूर्णिमा आई
मन हुआ पुलकित
हर्सोल्लास है छाई
रक्षाबंधन पर्व की सौगात लाई
कुमकुम अक्षत शुभ ललाट पे दमके
दीया आरती से भाग्य तेरा चमके
लेकिन ! बाहर आने जाने पे है रूकाई
इस संशय ने हल्की आघात पहुंचाई
कोरोना के खौफ ने खाई
मन थोड़ी सी विचलित है भाई
बहनों ने है गुहार लगाई
क्या सूनी रह जाएंगी कलाई ?
लेकिन अपने रिश्ते में है गहराई
विश्वास न किंचित डगमगाई
मन की रक्षा सूत्र से बंधेंगी तेरी कलाई
तू जहां रहे फले-फूले, आशीर्वाद है तुम्हें भाई
जीवन में हर सौगातों से बडी ऐ सौगात है
तेरी हंसी तेरी खुशी, हमारी रक्षा का सशक्त वचन साथ है
यह बड़े गर्व और सौभाग्य की बात है
रक्षाबंधन की वंदना और बधाई
हम भाई-बहनों ने सहृदय प्रेम की पाती से
परंपरा रिवाज़ निभाई !