रावण 3
रावण 3
गलतियाँ हर इंसान से होती हैं,
हमसे भी होती ही होंगी,
पर स्वीकारोक्ति कठिन होती होगी,
कहीं ऐसा तो नहीं,
हर दशहरे हमने,
जिस रावण को फूंका, वो पुतला---
रावण के अच्छे रूप वाला होगा
क्योंकि दस मस्तिष्क वाला,
उसका हर मस्तिष्क बुरा नहीं होता,
गर ऐसा होता तो,
रावण की नाभि में अमृत नहीं होता,
अच्छे रावण को ही फूंका है,
तभी तो----
नवरात्रि बीतते न बीतते,
बुरा रावण हर मस्तिष्क में सर उठाता है,
शाकाहारी?? या मजबूरी??
10 वें दिन फिर मांसाहारी हो जाता है,
गढ़ी थी जो प्रतिमा, कितने मनोयोग से,
कलाकारी के अप्रतिम नमूने पांडाल,
जाने कितने घरों की रोजी रोटी,
खुद के हाथों गढ़ी गई,
जब काम पूरा हो जाता है,
अपने ही हाथों,
नदी में विसर्जित कर आता है,
क्योंकि सिर्फ 9 दिन बाद मस्तिष्क में,
रावण, दैत्याकार----
20 सर वाला हो जाता है।
