प्याज़- नाम ही काफी है
प्याज़- नाम ही काफी है
1 min
213
प्याज़ खरीदने चला था कल
दाम देख दिया, रस्ता बदल
फटी जेब थी बटुआ खाली
महंगाई की मार प्रबल
फटी जेब फिर सिलवाने को
कैसे कैसे जतन लगाए
बचत भी की, किया ओवरटाइम
फिर भी प्याज़ नही आए
कभी काटते, कभी खरीदते
ये प्याज़ रुलाता बहुत है
पत्नी जी की फरमाइश देखो
उनको शायद भाता बहुत है
महंगाई के इस दौर में ये
फटी जेब को चिढ़ाता बहुत है
महंगाई देवी कब भुगतेगी
अपनी करनी का फल
फटी जेब है बटुआ खाली
महंगाई की मार प्रबल
