"परोपकार"
"परोपकार"
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सूरज नित्य रोशनी देता,
रोज भोर में आता है।
चांद हमें शीतलता देता,
सबके मन को भाता।
हवा नया जीवन देती है,
नित-नित बहती सर-सर-सर।
फल-फूलों को देते है,
देखो सदा हमें तरूवर।
नदियां नित्य हमें जल देती,
दूध गऊ माता देती है।
कृषक रात-दिन मेहनत करता,
तब तो हो पाती खेती है।
हम मेहनत के दीयें जलायें,
रात-दिना हम काम करें।
अज्ञान, गरीबी दूर भगायें,
अपना जीवन धन्य करें।।