प्रियतम।
प्रियतम।
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तुम याद करो न करो मेरे प्रियतम,
मैं तो सदा आस लगाए रहूंगा।
तुम देखो न देखो यह तुम्हारी मर्जी,
मैं तो पलकें सदा बिछाए रहूंगा।।
जिंदगी बन गई वीरान तुम बिन,
यादों को संजोए भटकता रहूंगा।
तुम पास बुलाओ न बुलाओ ये फितरत,
मैं तो तुम्हें दिल में बिठाए रहूंगा।।
जो बिताये लम्हे तुमने मुझको दिए हैं,
रात-दिन उनको ही याद करता रहूंगा।
तुम मुझे चाहो न चाहो अपने दिल से,
अपने दिल में सदा तुमको देखता रहूंगा।।
यह जान भी तुम को अर्पण हूँ करता,
लगी लौ सदा तुम से लगाए रहूंगा।
भीख दे दो प्रेम की ए मेरे "प्रीतम",
तेरे ही गीत सदा गाता रहूंगा।।
