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प्रेम

प्रेम

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प्रेम अनंत है

इसे चाहे तो 

किसी से जोड़ लो

चाहे घटा लो

या गुना करो

चाहे तो भाग दे लो

चाहो तो आगे माइनस 

कितने ही लगा लो 

लेकिन वो वैसे ही 

बना रहेगा सदा 

उसी अभेदता के साथ

जैसे मिले हुये हों

दो शून्य आपस में

सदा सदा के लिए

उसमे से कुछ भी घटाया 

नहीं जा सकता उसमे कुछ 

भी जोड़ा नहीं जा सकता 

क्योंकि प्रेम अनंत है !


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