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Pushp Lata Sharma

Children Stories Inspirational

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Pushp Lata Sharma

Children Stories Inspirational

प्रदूषण

प्रदूषण

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विनाशक है प्रदूषण यह नहीं उपहार वसुधा का

भगा कर दूर हम इसको करें श्रंगार वसुधा का।।


मुँडेरों पर नहीं दिखते, फुदकते झुंड चिड़ियों के । 

सुनाई स्वर नहीं देते कहीं फिर आज अलियों के।

लगाकर पेड़ गमले में रहे हम खोज हरियाली

दिखे बंजर पड़ी धरती, पड़े जल कुंड सब खाली  

समय रहते सुधर जाओ करो उद्धार वसुधा का


कहीं सागर भरा देखो कहीं सूखा शहर सारा।

कहीं पर्वत है कचरों का कहीं जंगल कटा न्यारा 

उगाते कुछ नहीं कोई मगर फल चाहते पायें

वे विस्मित मुश्किलों से हैं उन्हें कैसे ये समझायें

तुम्हारी बेरुखी से अब सिसकता प्यार वसुधा का


उगलती आग है धरती खिसकने लग गये पर्वत

समुंदर मौन है कचरा रसायन भी बना आफत 

गगन तक धूम्र की छाया ग्रसित हैं चन्द्रमा तारे।

दमे का यह दमन देखो व्यथित हैं श्वांस से सारे।

नये पौधे लगाकर फिर भरो भंंडार वसुधा का

 

बसाकर गाँव वैभव का कलुष बाँटो नहीं प्यारे

मिटा अस्तित्व खुद अपने मुसीबत लाओ मत द्वारे

बनाओ संतुलन फिर से बचाओ वृक्ष उपवन के

बढ़ेगा स्त्रौत जल का जब खिलेंगे फूल आँगन के

हमारी धड़कने चलती रहें उपकार वसुधा का 



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