लगता है पशोपेश में है किरदार हमारा कोई किरदार यूं ही अंजान नहीं बनता। लगता है पशोपेश में है किरदार हमारा कोई किरदार यूं ही अंजान नहीं बनता।
तुम अभी से हार जाने की बात करते हो ! तुम अभी से हार जाने की बात करते हो !
एक विषय पर कविता...। एक विषय पर कविता...।
रस छंद का भाव हमेशा मेरी कविता मे नही रहता है । रस छंद का भाव हमेशा मेरी कविता मे नही रहता है ।
सितारों की महफ़िल में बदनाम हो गये ! लोग तो आफ़ताब कभी चाँद समझने लगते मगर हम नाम लिखकर भी गुमन... सितारों की महफ़िल में बदनाम हो गये ! लोग तो आफ़ताब कभी चाँद समझने लगते मगर ह...
'भोलूराम ' तो चल दिये मुझे ऊपर से नीचे झाड़कर । उनके इस भाषण पर दोस्तों मैनें लिखी ये कविता 'कवि ... 'भोलूराम ' तो चल दिये मुझे ऊपर से नीचे झाड़कर । उनके इस भाषण पर दोस्तों मैनें...