पिता
पिता
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बताया नहीं कितना प्यार करती हूं,
सोचा आज कुछ लिखती हूं,
तुम्हारी शर्ट्स भी पहनती हूं,
वजह है तुम सी दिखना चाहती हूं,
तुम से बेवजह लड़ती हूं,
और आगे भी लड़ना चाहती हू,
छोटे है कदम मानती हूं,
पर रास्ते कई चलना चाहती हूं,
कई उड़ानें उड़ना चाहती हूं,
और उनकी चमक तुम्हारी
आँखों में देखना चाहती हूं,
भले ही रूठती हूं,
ता उम्र रूठना मनाना चाहती हूं,
आज में कल को सोचती हूं,
बस तुम्हरे मुंह से अपनी तारीफ सुनना चाहती हूं,
तुम में एक दोस्त चाहती हूं,
गर्व हो तुम्हे मुझ पर बस ऐसा कुछ करना चाहती हूं,
वापस नर्सरी में जाना चाहती हूं,
तुम स्कूल छोड़ने आओ ये चाहती हूं,
इतना काबिल होना चाहती हूं,
तुम्हारी ख्वाहिश भी पूरा करना चाहती हूं,
तुम्हारी परछाई बनना चाहती हूं,
कोई बोले तुमसे फालतू उसका मुंह तोड़ना चाहती हूं,
कुछ खास लिखना चाहती हूं,
कलम में शोर हो तुम्हारा ऐसा लिखना चाहती हूं।