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Pradeep Sahare

Others

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Pradeep Sahare

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फाइल

फाइल

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तीन अक्षर का,

यह शब्द

शुरु होता है

अस्पताल के

एक कागज़ से

जिसे कहते हम,

जन्म प्रमाण पत्र।

फिर जीवन में,

ना जाने कितनी बार,

फाइल बनती है

बिगड़ती है

और हर बार,

फाइल जीवन को,

नया एक आयाम देती है।


फिर वह फाइल, कोई भी हो

चाहें हो शिक्षा की,

या हो नौकरी की

या हो जायदाद की

या हो कोर्ट कचहरी,

या कोई गुनाह की

फाइल चलती बराबर।

हो जाती गुम कभी,

चलती हुयी फाइल

दफ्तरों में, या जला दी जाती,

राज छुपाने में।

या राज भी, उगल देती फाइल,

कभी तहखाने में।


दर बदर भटकती फाइल,

फिर एक बार पहुंचती,

अस्पताल में

जीवन के अंतिम छोर का,

हिसाब लेकर

फिर तबदील हो जाती,

एक ही कागज़ में,

कहते हम उसे,

मृत्यु का प्रमाण पत्र।



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