पैमाइश (ग़ज़ल)
पैमाइश (ग़ज़ल)
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ऐसी ही तू कोशिश कर
दिल में यार रिहाइश कर
फूल हवा में तैर उठें
खुशबू की तू बारिश कर
दिल का फ़ीता लेकर तू
उल्फ़त की पैमाइश कर
फ़स्ल उगे खेतों में अब
मेरे मौला बारिश कर
तुझको दुनिया याद रखे
तू भी ऐसी कोशिश कर।