नयन
नयन
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क्या होगा जब,धरती मां उपजायेगी सोना,
धन दौलत से घर भर जाये,चैन नींद सोना।
बेरोजगारी मिट जाये, नयन पड़े न भिगोना,
गरीबी और भुखमरी मिटे,आये नहीं रोना।।
हर शोर के पीछे, कोई कारण होता है,
बिन ठोस कारण के, जन नहीं रोता है,
शोर शराबा जब होता, खुलती हैं आंखे,
दर्द के मारे वो, नयन आंसू भिगोता है।
मां न सोती, बाप न सोता,बेटा भी है रोता,
जो भी देखे शहीद को ,नयन अश्रु भिगोता,
देते हैं उनको विदाई, कलेजे पर रख पत्थर,
उनकी याद में धरा भी रोये,हाल हो बदतर।