नववर्ष
नववर्ष
वर्ष नया कुछ ऐसे आना, नववर्ष में नव उमंगें लाना,
पिछले दिनों की तरह तुम, दुख, दर्द भरे ना लम्हे लाना।
बहुत तड़पाया इतने दिन, बीता हुआ कल ना लाना,
गुज़र जायेगा वक्त बुरा, महामारी को दूर भगाना।
नया सवेरा नई उम्मीदें, किरणों को ख़ुदा बरसाना,
सबका आंगन हो खुशनुमा बीत जायेगा साल पुराना।
कितना तड़पा आदमी यहाँ, सोचता कब जायेगा कोरोना,
कब आयेगा वक्त हमारा, गुज़रे पलों को ना दोहराना।
विश्वास, आशा को बाँध तुम, आशा का नव दीप जलाना।
नूतनता नवलता का सृजन, जीवन को खुशहाल बनाना।
स्वछन्द विचरण कर सकें हम, त्रासदियों को तुम दूर भगाना।
सबके आँखों में प्यार के रंग, मुस्कराहट की चादर फैलाना।
धरना ,रैली , हड़तालों से, जनता के मन को ना तड़पाना,
बाढ़, अनावृष्टि, आतंकवाद से, मेरे देशवासियों को दूर रखना।
वर्ष नया कुछ ऐसे ही आना, कल्पनाओं को साकार करना,
मेरी कोई अरदास ना रहें अधूरी, खुशियाँ की सौगात तुम लाना।
वर्ष नया कुछ ऐसे आना। ।