नशा....
नशा....
कहते है लोग पी कर उसे नशा होता है
कौन है इस दुनिया में जो नशा नहीं करता है?
दौलतमंद अमीर जब रुतबा उस बढ़कर
शान से जीता है क्या दौलत का उसे नशा नहीं होता है?
जब कोई परीक्षा में नंबर ज्यादा लाता है
हर किसी से गुरूर से बात करने लगता है
क्या उसे होशियारी का नशा नहीं होता है?
जब कोई हसीना हदसे भी ज्यादा
खूबसूरत होती है
खूबसूरती का नशा सर चढ़कर बोलता है
क्या उसकी सुंदरता का वह नशा नहीं होता है?
ताकतवर कोई बंदा सीना ताने
खड़ा होकर ताकत को अपने
जरीया बनाता है क्या उसे ताकत का नशा नहीं होता है?
नहीं होता है बस चंद लोगों को इनमें से कुछ भी नहीं मिलता है,
कुछ भी नहीं मिलता है...
इसलिए सपनों में खोकर वो भी जीना चाहते है
"मदिरा " पीकर सपनों में नशा वह करता है...
क्या उसे जी ने का हक नहीं होता है??
क्यों कहते है लोग पी कर उसे नशा होता है
कौन है इस दुनिया में जो नशा नहीं करता है?
कौन है इस दुनिया में जो नशा नहीं करता है?
