Chetan Gondaliya
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है हर साखे-चमन राहे-बसंत ;
कुछ और शै नहीं ये गुलो-गुल ,
है बस, नक़्शे-पा बसंत के...!!
निवृत्त सेनान...
सबसे सच्चा और...
सफर जारी है.....
सूख लगे...
फ़ुरसत
समय बहरा होता...
जरूरी था...
सीख लो..
किये होंगे...