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नमन देश के जवानो को

नमन देश के जवानो को

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पानी हो या आज इस धरती

सागर हो या ऊँचा हिमालय

सीना ताने खड़े वो हरदम

देश पे प्राणों की बाज़ी लगाने को

शत शत नमन है उन वीरों को

नमन है उनकी जवानी को

होली हो या होये दिवाली

हो रमजान या क्रिसमस की रंगत

सीना ताने खड़े है हरदम

गोली खाने और जान लगाने को

देश का हर वासी हँसता रहे,

इस खातिर हंसकर प्राण गवाने वालो को

शत शत नमन है उन वीरों को...

देश की खातिर जीना,

देश की खातिर मरना

जिनकी है फितरत में

देश पे हर सांस है अर्पण जिनकी

धड़कन पे जिनकी लहराता तिरंगा हो

शत शत नमन है उन वीरों को...

जन्नत से बढ़कर वतन को रखते

खुद से पहले देश को रखते

सब धर्म का मेल सीखा वो दुश्मन से लड़ते

सब धर्मो से ऊपर हिदुस्तान वो रखते

वो मरते नहीं वो अमर वीर कहलाते हैं

जो देश पे जीवन अपना अर्पण कर जाते हैं

जग जननी तुझे बनाएंगे

भारत माँ हम फिर आएंगे

बस ये वादा कर जो विलीन हो जाते हैं

तिरंगा लहराकर जिनकी गाथाएं खुद कहता है

आकाश से देवता भी शीश झुकाते हैं

देश की खातिर सब कुछ अर्पण कर

जय हिन्द वाली उनकी धन्य जवानी को

शत शत नमन है उन वीरों को

नमन है उनकी जवानी को


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