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Swapnil Saurav

Others

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Swapnil Saurav

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नेताजी के घर का चक्कर

नेताजी के घर का चक्कर

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मॅंहगाई से तंग आकर , भ्रष्टाचार से निराश होकर

करने को सोचा शिकायत विधायकजी के पास जाकर

एक दिन तैयार हो कर निकला लेकर अपना स्कूटर

और सीधे पहुँचा हमारे विधायकजी के दफ्तर


पहुँचा और देखा वहाँ पहले से ही थी लम्बी क़तार

कुछ तो हट्टे कट्टे दिख रहे थे कुछ सही में थे बीमार

किसी को नौकरी के लिए चाहिए थी नेताजी की सिफ़ारिश

तो किसी का बेटा था जेल, छुड़वाने कि करनी थी गुजारिश


किसी का इलाज़ नहीं कर रहा था सरकारी डॉक्टर

तो किसी कि बेटी को तंग कर रहा था वहाँ का कांट्रेक्टर

किसी को एरिये के थानेदार की करनी थी शिकायत

तो किसी को रेलगाड़ी में सफ़र में चाहिए थी रियायत


तभी नेताजी का एक चमचा आ गया मेरे सामने

मैंने कहा ऐसे ही आया हूँ नेताजी का हाल पूछने

वो बोला नेताजी से मिलने आये हो ?

बताओ माल कितना लाये हो?


मेरे कुछ न बोलने पर बोला, आये तो नेताजी से मिलने खाली हाथ

जाओ नोटों कि गड्डी लाओ , तब बनेगी तुम्हारी बात

नेताजी से मिलने का ख्याल छोड़कर पहुँचा सीधे अपने घर

उस दिन से मॅंहगाई से नहीं लगता थोड़ा भी डर!


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