STORYMIRROR

Neelam Chawla

Others

3  

Neelam Chawla

Others

नेग रिवाज

नेग रिवाज

1 min
241

शब्दों ने रची रुप रेखा

कच्चे मन के

ख्यालों को जुबां ने चखा तो

कैक्टस जैसे शब्द 

दर्द की तरह छाती

में ठहर गए और 

सुकून की करवट 

बदल दी

कुछ ऊँचे, रंजिशों वाले 

शक्कर की मिठास में

लिपटे शब्द 

जुबां को ही उखाड़

फेंक दिया


जुबां कोई मंत्र पढ़ रहा थी

मिठा सा 

मिठास थी उसमें

मिठाई ही तो थी

बिल्कुल बंगाली मिठाई

संदेस सी

कि पड़ोसीयों ने एक दूसरे  

को कोई फूंक कर बेगानों

को लाल रंग में रंग दिया।



Rate this content
Log in