नारी
नारी
नारी तुम बसुधा हो
नारी तुम अमृत सुधा हो
तुममे ही बहती हर धार है
तुम से ही सब पालनहार है।
नारी तुम तो वह दर्पण हो
जिस में हर चेहरा दिखता है
माँ की ममता बहन का प्यार
जीवन जिसका समर्पण हो।
तुम ही दुर्गा तुम ही काली
सरस्वती की बीणा हो
राधा तुम हो मोहन की
और राम की पवित्र सीता हो।
लव कुश की प्यारी माता
श्रवणं की बूढ़ी माता सी
कान्हा की यशोदा मइया
भारत की तुम मदर टैरेसा।
अबला कौन बताया तुमको
पग पर कौन छलाया तुमको
तुम तो झाँसी की रानी हो
अहिल्या जैसी महरानी हो
तुममे सक्ति कितनी बोलो
तुम हिन्द की अंजू रानी हो।
अपने जीवन को तज कर
हर कण में प्राण भरे तुम
तुम जननी हो तुम तरणी हो
पवित्र गंगा यमुना तुम भी
जीवन जिससे पार लगेगा
बसुंधरा की वैतरणी हो।
