STORYMIRROR

Dr Baman Chandra Dixit

Others

4  

Dr Baman Chandra Dixit

Others

न जाने क्यों

न जाने क्यों

1 min
357

आज फिर क्यों वो बुलाते हैं मुझको

न जाने क्यों इतना चाहते हैं मुझको।।


कभी देखते थे वो अपनों की तरह

अजनबियों जैसी नज़र से मुझको।।


जिनकी यादों में शामिल हो न पाए

आज क्यों वो याद करते मुझको।।


फरियाद कुबूल ना होना लाजमी थी

फरियादी में शुमार मानते थे मुझको।।


ये भी नहीं के वो ख़फ़ा थे मुझसे

मगर एक फासला दिखता था मुझको।।


पतीले में पानी लाने की फरमाइश

छलकेगी ज़रूर छलेंगे मुझको।।


जाग रहा था मगर आंखें बन्द कर

चाहता हूं सोता सोचे वो मुझको।।


काश कभी ये सच, झूठ हो जाते सारे

चाहत में एक बार बुलाते वो मुझको।।



Rate this content
Log in