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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Others

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Shayra dr. Zeenat ahsaan

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मुस्कान बनी

मुस्कान बनी

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उसके रहते मै कभी उदास न रही

मेरे लिए वो एक जेकपाट थी

पापा की कम तनख्वाह पर जब मै अपनी सेलरी मां के हाथों में रखती तो

जैसे दीवाली अा जाती थी


उससे मेरा एक प्यार भरा रिश्ता था

वो मेरी हर छोटी बड़ी जरूरतों में साथ निभाया करती थी

उसने मुझे हंसाया भी और रुलाया भी

बहुत से सच्चे साथी भी दिए


घर को खुशियों से भर दिया

वो मेरे लिए अंधेरे में रोशनी की किरण थी

जिसने कितनों की ज़रूरतें पूरी की और कितनों के चेहरों की मुस्कान बनी


जीवन की कठिन राह में चलने का हौसला और आत्मविश्वास दिया

वो मेरा रक्षा कवच बन बचाती रही मुझे असुविधाओं से

उसने मुझे बेशुमार प्यार दे पाला

मेरी ख्वाहिशों को सम्हाला


मेरी हर उलझन को सुलझाया

मुझे योग्यता का प्रमाणपत्र दिया

वो मेरे अस्तित्व की पहचान है

वो मेरी जान है

नौकरी तू महान है


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