मुझे एक बार बुला
मुझे एक बार बुला
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दिल की हरकतों से मुझको अब न निकाल,
मेरी जान, मेरी जान मुझे एक बार बुला-2
तुझसे मिलकर होना हैं, तुझ में ही मगन
तेरे साथ खोना हैं, हर एक गम के पल
अपनी चाँद सी सूरत को, ओ ....
अपनी चाँद की सूरत को, एक बार तो दिखा
मेरी जान मेरी जान मुझे एक बार बुला-2
अपनी जुल्फों को यूँ न चेहरे से हटा
अपनी पायल की छन छन को जी भर सुना
चमकती बिंदी से रामसुमरन की दिल न जला
मेरी जान मेरी जान मुझे एक बार बुला।।