मत पुछो
मत पुछो


कितना डिजिटल दौर हुआ है मत पुछो।
2G चारा कोल हुआ है मत पुछो।
कहते हैं बस चुप रह कर के देखो तुम,
कैसे शाही कौर हुआ है मत पुछो।
पीपल में क्यों बौर हुआ है मत पुछो।
गुंडों का क्यों शोर हुआ है मत पुछो।
जेलों में पकवान कहाँ से जाते हैं,
कौन किसका सिरमौर हुआ है मत पुछो।
भाषण में मौलिकता कितनी मत पुछो।
जीवन की सार्थकता कितनी मत पुछो।
घुम रहे हैं दिन भर सूट सफारी में,
फटा जेब क्यों नंदू का है मत पुछो।
आँगन का सरदार कहाँ है मत पुछो।
कल का चौकीदार कहाँ है मत पुछो।
झुलस रहा हूँ सपनों की चिंगारी से,
दीपक क्यों गद्दार हुआ है मत पुछो।
कैसा ये व्यापार हुआ है मत पुछो।
मतदाता बेकार हुआ है मत पुछो।
छीन लिए सब रोटी अपने हाथों से,
यहाँ रोज इतवार हुआ है मत पुछो।