मोहन के रंग
मोहन के रंग
विभिन्न रंगों से रंगा संसार है
मोहन के रंग हज़ार है
पर प्रेम रंग में फँस गए कन्हैया
तभी तो रास रचा रहे कन्हैया
गोपियों संग गा रहे कन्हैया
जीवन लीला रचा रहे कन्हैया
राधा संग होली खेल रहे कन्हैया
इस बार हमारे संग होली खेलने आओ कन्हैया।
इस बार हमारे संग होली खेलने आओ राधेश्याम
टेसू के फूलों संग ही खेलेंगे राधेश्याम
अपने प्रेम के रंगों से भिगो जाओ राधेश्याम
घट घट में अब तो बस जाओ राधेश्याम
बहुत हुई आँख मिचौनी
अब दर्श दिखा जाओ राधेश्याम
इस बार हमारे संग होली खेलने आओ राधेश्याम।
इस बार हमारे संग होली खेलने आओ मधुसूदन
देख तेरे इस ब्रज में क्या हो रहा मधुसूदन
हर घर में कौरवों का राज है मधुसूदन
हर घर की द्रौपदी पुकार रही मधुसूदन
अब तो अपना रंग दिखा जाओ मधुसूदन
इस बार हमारे संग होली खेलने आओ मधुसूदन।
इस बार हमारे संग होली खेलने आओ देवकीनंदन
तेरे महाभारत से कुछ सीखा ना देवकीनंदन
अब भी युद्ध कर रहा तेरा यह नंदन देवकीनंदन
भूल गया कुरुक्षेत्र की माटी का लाल रंग देवकीनंदन
बार-बार कर रहा प्रहार तेरा लाल देवकीनंदन
मिटा जा ये दिल के बैर इस बार देवकीनंदन
इस बार तो हमारे संग होली खेलने जाओ देवकीनंदन।
इस बार तो हमारे संग होली खेलने आ जाओ गिरधर
अपने प्रेम के पाठ पढ़ा जाओ देवकीनंदन गिरधर
मीरा-सी भक्ति ,राधा-सा प्रेम सीखा जाओ गिरधर
इस वसुंधरा पर निश्चल प्रेम के फूल खिला जाओ गिरधर
अपने ग्रिवा लगा कृष्णमय कर जाओ गिरधर
राधा के संग खूब खेल लिए होली गिरधर
इस बार हमारे संग होली खेलने आओ ही जाओ गिरधर।।
