मंजिल पानी है...तो परिश्रम करना पड़ता है
मंजिल पानी है...तो परिश्रम करना पड़ता है
हिम्मत हार जाना और खुद हार मान लेना,
न कभी सही है और न सही रास्ता है,
बेशक आज हार गया पर कल भी हारेगा,
ऐसा सोचना भी सही नहीं है,
क्योंकि हर परीक्षा में हजारों बच्चे होंगे,
पर हर कोई पास हो यह मुमकिन नहीं,
इसलिए तू अपना कर्म करता चल,
मेहनत करने से पीछे मत हट,
बेशक आज उसकी तकदीर में पास होना लिखा है,
पर कल शायद तेरी तकदीर में पास होना लिखा हो,
यह उम्मीद कर आगे बढ़ता चल..
क्योंकि जिंदगी की हर परीक्षा आसान नहीं होती,
कठिन परिश्रम करना पड़ता है,
क्योंकि मंजिल पाना इतना आसान होता,
तो क्यों कोई इतना परिश्रम करता,
इसलिए हिम्मत हार कर मत बैठ,
बल्कि उन गलतियों से सबक सीख,
कि कहां मेरी मेहनत में कमी रह गई,
उन गलतियों को सुधार और आगे बढ़,
और दिखा दें,
कि मैं चुनौतियों से हार मानने वाला नहीं,
वरन् उन चुनौतियों को पार कर,
अपनी मंजिल पाने की कोशिश करता रहूंगा,
चाहे जीत हासिल हो या हार,
न हारूंगा न हार मानूंगा,
बढ़ाता रहूंगा अपने कदम।