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Sonam Kewat

Others

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Sonam Kewat

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मल्ल्खम्ब एक स्वाभिमान

मल्ल्खम्ब एक स्वाभिमान

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यह सिर्फ़ खेल नहीं,भारत का स्वाभिमान हैं

सर ऊँचा उठाने में, भारत को अभिमान हैं ।

प्राचीन भारत की शान पर कम इसकी पहचान है

फेैलायेंगे दुनियाभर में जिनकी बसती इसमें जान हैं। 

यह सिर्फ खेल नहीं, भारत का स्वभिमान है। 

कुछ इस तरह सा लगा जब देखा मैंने पहली दफ़ा

जैसे एक जादू की छड़ी और नाच रहा इन्सान हैं। 

अब तक रस्सी के जाने कितने इस्तेमाल किये हमने

क्या पता था कि मल्लखम्ब भी एक रस्सी का कमाल है। 

एकता में ताकत है सुनते हैं और हर खेल में देखते है

न उम्र की मर्यादा यहाँ , चाहे बच्चे, बूढ़े या जवान हैं ।

दूर दूर जब जिक्र किया मल्खम का एक अजूबा पाया मैंने

‘गूगल’ तो क्या, ‘उदय देशपांडे’ को 'लेजंड' बताया सबने

एक अलग सी खुशियाँ और जूनून देखा है लोगों में l

गर्व से कहते हैं यह तो हमारी आन, बान और शान है

खो न जाए यह कला यूँ ही, जाने कितने अनजान हैं

कैसे भूल जाए कि यह मल्खम भी एक वरदान हैं ।

इसलिए तो कहते हैं कि मेरा भारत महान हैं 

यह सिर्फ खेल नहीं, भारत का स्वाभिमान है

सर ऊँचा उठाने में, भारत को अभिमान हैं ।


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