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Himanshu Sharma

Others

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Himanshu Sharma

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महवे-यास

महवे-यास

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आसान नहीं ज़िंदगी में महवे-यास रहना,

और ना-पसंद है मुझको यूँ उदास रहना!


मतलब परस्त जहान में रिश्ते निभते नहीं,

मुश्किल है अब रिश्तों में, एहसास रहना!


ज़िम्मेदार पे और भी बोझ डाले है दुनिया,

जिस्म में मुश्किल हो जाता है साँस रहना!


माना दूर है मुझसे तू कहीं, ज़ेहनी तौर पे,

पर तसव्वुर में तो तू मेरे आसपास रहना!


चाहता हूँ छाये चेहरे पे, ताबदार तबस्सुम,

नापसंद है दिल का दस्ते-फ़र्ते-यास रहना!


शब्दार्थ: महवे-यास: ख़ुशी में मग्न; तसव्वुर: कल्पना;

ताबदार: चमकवाला; तबस्सुम: मुस्कुराहट;

दस्ते-फ़र्ते-यास: निराशा की अधिकता


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