महात्मा गांधी जी
महात्मा गांधी जी
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मानवता के पुजारी को आज नमन हम करते हैं
सत्य, अहिंसा के पोषक बापू का स्मरण करते हैं।
विरले होते जग में जो जन आवाज हुआ करते हैं
तम को मिटा सके जो वह परवाज हुआ करते हैं।
सत्य प्रयोगों से बापू के ज्ञान लिया करते हैं
धूल धूसरित रातों में प्रकाश किया करते हैं।
अंग्रेजी ताकत के आगे शस्त्र अहिंसा रख देते हैं
दंडी मार्च सत्य आग्रह हुंकार सदा ही भर देते हैं।
काम चोर की पीड़ा का मान कदापि नहीं करते हैं
कमजोरों की पीड़ा को निज प्रयास से भरते हैं।
मातृभूमि हित करो या मरो का संदेशा देते हैं,
पग में पड़ते छालों का ध्यान नहीं वे देते हैं।
हरिजन हित के लिए समर्पण निशदिन करते रहते हैं,
जन-जन को वाणी देते है पूर्ण पराक्रम करते हैं।
अहिंसा परमो धर्म निज कर्मों से सिद्ध करते हैं,
बापू बंटवारे की कीमत प्राणों से दे अनंत में रहते हैं।