मेरी शान हिंदुस्तान
मेरी शान हिंदुस्तान
मेरी आन मेरी शान है मेरा प्यारा हिंदुस्तान,
ये दुनिया है तख़्तो ताज, सरताज है हिंदुस्तान।
पूर्व सजता मेघालय से, पशिचम में काली माता,
उत्तर में काशी विश्वनाथ, दक्षिण में रामेश्वर।
कलकल बहती गंगा सोहे ऊंचा खड़ा हिमालय,
हरिद्वार की हरियाली मन को बड़ा लुभाती।
कुतुब मिनार, आमेर किला चार चाँद लगाते,
बेमिसाल है दार्जिलिंग चाय बागान क्या कहना।
जल महल से ताजमहल तक जहाँ नज़र ठहरती,
स्वर्ग सा मेरा भारत भैया दूजा ना ऐसा कोई।
नैनी झिल पिछौरा झील आभा इनकी न्यारी,
बारह ज्योतिर्लिंग से शोभे धरा अखंड प्यारी।
भाईचारे के रंगों से सजा है प्यारा हिंदुस्तान,
गांधी, नहेरु, सरदार, शास्त्री जैसे वीर जन्मे महान।
भगतसिंह आज़ाद की सरपरस्ती क्या कहना,
राम, श्याम, हनुमान की भूमि है भारत माता।
त्योहार सबके अलग पर मनाते सारे मिलकर,
गानों के संग मनाते और हो जाती सबकी दावत।
सागर, पर्वत, हरियाली, मंदिर, गिरजा गुरुद्वारा,
ये सारे गहने भारत के कश्मीर मांग का टीका।