STORYMIRROR

राही अंजाना

Others

2  

राही अंजाना

Others

मेरी माँ

मेरी माँ

1 min
176

पाँव में मेरे जूते पहनाकर खुद नंगे पाँव ही चल लेती है,


 भूख लगे जब मुझको जमकर वो पानी पीकर सो लेती है, 


 स्वप्नों की दुनिया में जब भी मैं दूर कहीं खो जाता हूँ,


 वो ढूंढ अँधेरे में भी मुझको रौशन घर कर लेती है,

 

अजब ग़जब जीवन की उलझन में जब कभी उलझ मैं जाता हूँ, 

 

 अपने आँचल की छाया में वो मुझको नज़र कर लेती है॥ 


Rate this content
Log in