मेरी धरती मेरा परिवार
मेरी धरती मेरा परिवार
1 min
469
घर,परिवार,समाज
फिर राष्ट्र या विश्व,
वैश्विक प्रेम, वसुधैव प्रेम,
वसुधैव कुटुंबकम भाव की देन।
हृदय की विशालता
मानवता को आधार,
पूरा विश्व लगे फिर,
आपका अपना परिवार।
एक सूर्य ,एक गगन,
एक है धरा,
तो क्यों नहीं वसुधा
को परिवार सा वरा ,
धर्म संस्कृति रंग है कई,
किंतु दया, क्षमा ,प्रेम भाव है वही।
इसलिए ह्रदय की ही
सुनो तुम पुकार,
संपूर्ण विश्व ही है तुम्हारा परिवार,
जीतेगी मानवता मनी का त्यौहार,
वसुधैव कुटुंबकम का नारा दो हर बार।
