मेरे ठाकुर जी
मेरे ठाकुर जी
1 min
155
फूलों की माला लाओ,
रोली-चावल, चंदन लाओ,
भोग के लिए प्रसाद बनाओ,
करो, सभी श्रृंगार सहेलियों,
आज मेरे ठाकुर जी का
दिन आया है।
जल से उनको स्नान कराओ,
उनके विग्रह को खूब सजाओ,
दिन भर करो नृत्य- भजन,
रात में करो उनका जनम,
सज गया है मंदिर घर का,
सज गए हम लोग सभी,
श्रृंगार मेरे ठाकुर जी का..
अद्भुत और अनूठा है,
चंदन का टीका भी,
लगता कितना प्यारा है।
कर लो आरती,और पूजन,
जन्माष्टमी का है दिन...
ठाकुर जी को नमन।
श्री राधा जी को नमन।।
