मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
अपने सपनों के देश की कल्पना में
खुशियों का भारत बसाना चाहती हूँ,
सब रहे सुखी और सम्पन्न जहाँ
हर दुख को दूर भगाना चाहती हूँ।
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूँ।
प्यार, शांति और स्नेह से रहे सब
गरीबी को मिटाना चाहती हूँ,
जहां रहे सत्य की जीत हमेशा ,
ऐसा सतयुग फिर से लाना चाहती हूँ।
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूँ।
आतंक और हिंसा का खेल बहुत हुआ
दोनों को जड़ से मिटाना चाहती हूं,
बढ़ती उम्मीदों पर रख नियंत्रण,
दिलों को टूटने से बचाना चाहती हूँ।
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूं।
अजन्मी बेटी जो जन्म ना ले सकी
जन्म लेने का अधिकार दिलाना चाहती हूँ,
मशीनों को दूर रखकर इंसानों से
इंसान के आलस को भगाना चाहती हूँ।
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूं।
हिन्दू, मुस्लिम,सिख, ईसाई
सबका भेद मिटाना चाहती हूँ,
मै अपने सपनों में फिर एक बार
धर्मनिरपेक्ष देश बसाना चाहती हूँ,
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूं।
चारो दिशाओं के दिलों का भेद मिटा
सब स्रोतों को बढ़ाना चाहती हूँ,
चाहती हूँ कोई डरे यहां ना
बाबू, चपरासी का भेद मिटाना चाहती हूँ।
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूं।
रिश्वत, लूट, चकारी का नाम भी ना हो
इनका नामो निशान मिटाना चाहती हूँ,
हर इंसान को सत्य की कलम
जीवन को स्याही बनाना चाहती हूँ।
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूं।
मैं चाहती हूँ स्वच्छ छंद लिखें हम
सबको ये अधिकार दिलाना चाहती हूँ,
कुछ ज्यादा तो मैंने नहीं मांग लिया,
बस,सपनों का भारत बनाना चाहती हूं,
मैं अपने सपनों का भारत बनाना चाहती हूं।