मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा,
कभी किसी ने न सोचा होगा,
जहाँ ऊँच नीच का भेद न होगा,
जहाँ हिन्दू मुस्लिम एक होगा,
जहाँ काले गोरे रंग का
कोई दूजा न होगा,
ऐसा मेरा भारत होगा,
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा।
जहाँ आतंक का कोई नाम न होगा,
जहाँ अतिथी देव होगा,
जहाँ रोटी के लिए कोई रोता न होगा,
ऐसा मेरा भारत होगा।
जहाँ होगा ज्ञान का प्रसार,
जहाँ होगी खुशियों की बोछार,
ऐसा ही होगा मेरा सपनों का भारत महान
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा।
